भाव पुष्प

रहमत तेरी जे लिखन लग जांवां,

" श्रीहरि "

रहमत तेरी जे लिखन लग जांवां,

ते लग जान साल हजार..

मेरी कलम छोटी है “हरि” तेरी महिमा अपरम्पार..

मैं सेवक हां तेरे दर दा तूं दाता पालन हार

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