" श्रीहरि " मैं हूँ और मेरा भगवान है! मन में तीन बातें होती हैं – द्वेष, लोभ और मोह। जो इनको कम नहीं करता, उनका मन दुर्बल एवं चञ्चल हो जाता है । उसका मन...
संत परिकर
" श्रीहरि "उस समय वहा उपस्थित डाक्टर …… के अपने शब्दो मे….. मा के आग्रह पर बाबा का वापस आना…. एक बार श्री महाराज बहुत बीमार...
" श्रीहरि " श्रीमत् परमहंस परिव्राजकाचार्य श्री उड़िया बाबा जी महाराज अपने समय के एक सर्वमान्य संत थे। उनके अनुभव, ब्रह्मनिष्ठा और त्याग-वैराग्य के...
" श्रीहरि " (1) भगवत्प्रेम के बिना बैरागय नहीं होताऔर सांसारिक बैराग्य के बिना भगबान से प्रेम भी नहीं होता है/ (2) साधु को भिक्षा माँग कर ही अपना...
" श्रीहरि "
" श्रीहरि "आनन्द वचन क्षण भर के लिए अपने आपका ही निरीक्षण, परीक्षण या समीक्षण कीजिये। आपका “मैं” किसी विकीर्ण कण के समान संकीर्ण तो...
" श्रीहरि "संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी का जन्म जनपद अलीगढ के ग्राम अहिवासीनगला में सम्वत् 1942 (सन १८८५ ई०) की कार्तिक कृष्ण अष्टमी (अहोई आठें) को परम...
" श्रीहरि " स्वामी रामतीर्थ का जन्म सन् १८७३ की दीपावली के दिन पंजाब के गुजरावालां जिले मुरारीवाला ग्राम में पण्डित हीरानन्द गोस्वामी के एक धर्मनिष्ठ...
" श्रीहरि " श्रीमज्जगद्गुरु हरिहरानन्दसरस्वती जी ‘स्वामी करपात्री‘। स्वामी करपात्री (१९०७ – १९८२) भारत के एक महान सन्त...
" श्रीहरि " पूज्य बाबा* भेरिया की सबसे महत्वपूर्ण घटना है विश्व प्रसिद्ध शिव स्वरूप श्री श्री 108 श्री उड़िया बाबा जी महाराज के साथ हमारे...
" श्रीहरि " श्री हरि बाबा जी महाराज स्मृति कुसुमांजलि पृष्ठ संख्या 141 …..स्वामी श्री आत्मानंदगिरि जी...