संत परिकर

श्री स्वामी जी के वचनामृत श्री हरि संत परिकर

पूज्यपाद स्वामी अखंडानंद जी महाराज का एक जाग्रत करने वाला लेख

" श्रीहरि " मैं हूँ और मेरा भगवान है! मन में तीन बातें होती हैं – द्वेष, लोभ और मोह। जो इनको कम नहीं करता, उनका मन दुर्बल एवं चञ्चल हो जाता है । उसका मन...

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श्री आनंदमई माँ जी के वचनामृत श्री हरि संत परिकर समकालीन संस्मरण

माँ के आग्रह पर हरि बाबा जी महाराज का वापस आना….

" श्रीहरि "उस समय वहा उपस्थित डाक्टर …… के अपने शब्दो मे….. मा के आग्रह पर बाबा का वापस आना…. एक बार श्री महाराज बहुत बीमार...

श्री हरि संत परिकर

श्री श्री उडिया बाबा जी महाराज

" श्रीहरि " श्रीमत् परमहंस परिव्राजकाचार्य श्री उड़िया बाबा जी महाराज अपने समय के एक सर्वमान्य संत थे। उनके अनुभव, ब्रह्मनिष्ठा और त्याग-वैराग्य के...

श्री हरि संत परिकर

श्री उड़िया बाबा जी महाराज के उपदेश (बैराग्य)

" श्रीहरि " (1) भगवत्प्रेम के बिना बैरागय नहीं होताऔर सांसारिक बैराग्य के बिना भगबान से प्रेम भी नहीं होता है/ (2) साधु को भिक्षा माँग कर  ही अपना...

श्री हरि संत परिकर

संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी जी

" श्रीहरि "संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी का जन्म जनपद अलीगढ के ग्राम अहिवासीनगला में सम्वत् 1942 (सन १८८५ ई०) की कार्तिक कृष्ण अष्टमी (अहोई आठें) को परम...

श्री हरि संत परिकर

स्वामी रामतीर्थ जी

" श्रीहरि " स्वामी रामतीर्थ का जन्म सन् १८७३ की दीपावली के दिन पंजाब के गुजरावालां जिले मुरारीवाला ग्राम में पण्डित हीरानन्द गोस्वामी के एक धर्मनिष्ठ...

Shri Hari कुसुमांजलि पुस्तकालय श्री हरि संकलनकर्ता संत परिकर समकालीन संस्मरण

स्वामी श्री आत्मानंदगिरि जी महाराज

" श्रीहरि "  श्री हरि बाबा जी महाराज स्मृति कुसुमांजलि पृष्ठ संख्या 141                                    …..स्वामी श्री आत्मानंदगिरि जी...