" श्रीहरि "संवत १९४१ के फागुन मास की शुक्ल चतुर्दशी की वह तिथि होशियार पुर वासीयो के लिए ही नही वरण भारत के समस्त भागवत प्रेमियो के लिए शुभ तिथि थी क्यो की उस...
भाव पुष्प
" श्रीहरि "हे मेरे हरि जी हमे मुस्कान आपकी यादो से मिलती हैं दिल को राहत आपके सत्संग से मिलती हैं यु ही चलता रहे मेरा आप की चोखट पर आने का सिलसिला...
" श्रीहरि "कार्तिक पूर्णिमा – ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन से शुरू कर प्रत्येक पूर्णिमा को व्रत और जागरण करने से सभी मनोकामनाएं...
" श्रीहरि "
" श्रीहरि "सांवरिया,,,,,,, फूल बनकर तेरे चरणो मे रहने की तमन्ना है काजल बनकर तेरे नैनों मे समाने की तमन्ना है सब चीज हासिल है ज़माने की मुझे बस अब...
" श्रीहरि "मेरे हरि.. आप की आँखो में क्या खूब नूर होता है, आप की नजरों से कहां कोई दूर होता है.. एकबार रख दे कदम जो आप की चौखट पर, वो बार-बार आने को...
" श्रीहरि "हरि नाम अमृत की धारा हरि नाम में शक्ति प्रबल
तक्दीरो का ये लेख पलट दे बस हो जब विश्वास अटल
|| जय श्री हरि || जय श्री हरि ||
" श्रीहरि "मानुष देह मिली सुमिरन को,
ना भटको मोह और माया में।
सुमिरन से तो हरि मिलें,
सुख मिले हरि की छाया में।
" श्रीहरि "रहमत तेरी जे लिखन लग जांवां, ते लग जान साल हजार.. मेरी कलम छोटी है “हरि” तेरी महिमा अपरम्पार.. मैं सेवक हां तेरे दर दा तूं...
" श्रीहरि "जिन नैनो में हरि बसे, दूजा कौन समाय,
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पलके गिरे या पलके उठे, मोहे नजर हरि ही आये..!!
|| श्री हरि || श्री हरि ||
" श्रीहरि "दिल ही दिल में “नाम” की बरसात हो जायगी। अन्तरमन से देखो “हरि ” से बात हो जायगी। शिकवा ना करना “गुरु...
" श्रीहरि "तुम्हें पाकर अब हरि तुम्हें खोना नहीं चाहतें दूर होकर आपसे अब हम हरि जी रोना नहीं चाहते साथ रहना सदा आप कभी दूर ना जाना अब हम फिर से इस...
" श्रीहरि "गुरु चरणों में प्रेम वन्दना नख शिख बारम्बार…. नख शिख बारम्बार….नख शिख बारम्बार…. भक्ति दान मोहे दीजिये हो जीवन का...
" श्रीहरि "हरि जी ! हरि जी ! हरि जी ! तुम अवगुण बख्शनहारे !!……. हरि जी ! हरि जी ! हरि जी! तुम अवगुण बख्शनहारे !! जितनी सागर में हैं...
" श्रीहरि "सुनो ना मेरे हरि….रिश्ता तेरा और मेरा है बहुत ही प्यारा, मैं हूँ जग से हारा और तू हारे का सहारा। न छोड़ना कभी हमें तुम क्योंकि, नहीं...