भाव पुष्प

कुसुमांजलि जीवन परिचय भाव पुष्प

( जीवन-परिचय ) श्री श्री हरि बाबा जी

" श्रीहरि "संवत १९४१ के फागुन मास की शुक्ल चतुर्दशी की वह तिथि होशियार पुर वासीयो के लिए ही नही वरण भारत के समस्त भागवत प्रेमियो के लिए शुभ तिथि थी क्यो की उस...

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भक्त भाव पुष्प भाव पुष्प श्री हरि

हे मेरे हरि जी………..

" श्रीहरि "हे मेरे हरि जी हमे मुस्कान आपकी यादो से मिलती हैं दिल को राहत आपके सत्संग से मिलती हैं यु ही चलता रहे मेरा आप की चोखट पर आने का सिलसिला...

भाव पुष्प श्री हरि

सांवरिया,,,,,,,

" श्रीहरि "सांवरिया,,,,,,, फूल बनकर तेरे चरणो मे रहने की तमन्ना है काजल बनकर तेरे नैनों मे समाने की तमन्ना है सब चीज हासिल है ज़माने की मुझे बस अब...

भाव पुष्प श्री हरि

मेरे हरि

" श्रीहरि "मेरे हरि.. आप की आँखो में क्या खूब नूर होता है, आप की नजरों से कहां कोई दूर होता है.. एकबार रख दे कदम जो आप की चौखट पर, वो बार-बार आने को...

भाव पुष्प श्री हरि

" श्रीहरि "दिल ही दिल में “नाम” की बरसात हो जायगी। अन्तरमन से देखो “हरि ” से बात हो जायगी। शिकवा ना करना “गुरु...

भाव पुष्प श्री हरि

" श्रीहरि "तुम्हें पाकर अब हरि तुम्हें खोना नहीं चाहतें  दूर होकर आपसे अब हम हरि जी रोना नहीं चाहते  साथ रहना सदा आप कभी दूर ना जाना  अब हम फिर से इस...

भाव पुष्प श्री हरि

तेरे बिन अब जिंदगी का गुजारा….नहीं

" श्रीहरि "सुनो ना मेरे हरि….रिश्ता तेरा और मेरा है बहुत ही प्यारा, मैं हूँ जग से हारा और तू हारे का सहारा। न छोड़ना कभी हमें तुम क्योंकि, नहीं...