श्री उडिया बाबा जी के वचनामृत
" श्रीहरि "

साधु को भिक्षा माँग कर  ही अपना निर्बाह करना चाहिये, किसी एक स्थान पर बँध जाने सेाधुता नष्ट हो जाती है , धनिकों के अन्न में अनेक प्रकार के दोष होते हैं, उससे बुद्धि नष्ट हो जती है

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