रासलीला श्री हरि

श्रीकृष्ण को किया एक प्रणाम………..

" श्रीहरि "

एकोऽपि कृष्णस्य कृतः प्रणामो
दशाश्वमेधावभृथेन तुल्यः ।
दशाश्वमेधी पुनरेति जन्म
कृष्णप्रणामी न पुनर्भवाय ॥
भावार्थ ~
श्रीकृष्ण को किया एक प्रणाम, दश अश्वमेध् यज्ञ के समान है, लेकिन दश अश्वमेध करने वाला यज्ञ का फल भोग कर फिर से पुनर्जन्म हो कर संसार चक्र में आ जाता है लेकिन श्री कृष्ण को प्रणाम करने वालो का पुनर्जन्म नही होता ।
यह श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा द्वारा कहा गया प्रार्थना श्लोक है ।

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