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श्रीमत् परमहंस परिव्राजकाचार्य श्री उड़िया बाबा जी महाराज अपने समय के एक सर्वमान्य संत थे। उनके अनुभव, ब्रह्मनिष्ठा और त्याग-वैराग्य के कारण साधु-समाज...
(1) भगवत्प्रेम के बिना बैरागय नहीं होताऔर सांसारिक बैराग्य के बिना भगबान से प्रेम भी नहीं होता है/ (2) साधु को भिक्षा माँग कर ही अपना निर्बाह करना...
आनन्द वचन क्षण भर के लिए अपने आपका ही निरीक्षण, परीक्षण या समीक्षण कीजिये। आपका “मैं” किसी विकीर्ण कण के समान संकीर्ण तो नहीं हो गया...
संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी का जन्म जनपद अलीगढ के ग्राम अहिवासीनगला में सम्वत् 1942 (सन १८८५ ई०) की कार्तिक कृष्ण अष्टमी (अहोई आठें) को परम भागवत पं॰...
स्वामी रामतीर्थ का जन्म सन् १८७३ की दीपावली के दिन पंजाब के गुजरावालां जिले मुरारीवाला ग्राम में पण्डित हीरानन्द गोस्वामी के एक धर्मनिष्ठ ब्राह्मण...
श्रीमज्जगद्गुरु हरिहरानन्दसरस्वती जी ‘स्वामी करपात्री‘। स्वामी करपात्री (१९०७ – १९८२) भारत के एक महान सन्त, स्वतंत्रता...