श्री स्वामी जी के वचनामृत

श्री स्वामी जी के वचनामृत श्री हरि संत परिकर

पूज्यपाद स्वामी अखंडानंद जी महाराज का एक जाग्रत करने वाला लेख

" श्रीहरि " मैं हूँ और मेरा भगवान है! मन में तीन बातें होती हैं – द्वेष, लोभ और मोह। जो इनको कम नहीं करता, उनका मन दुर्बल एवं चञ्चल हो जाता है । उसका मन...

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