दो शब्द
इस जीवनी के लेखक पंडित लालता प्रसाद जी निसंदेह श्री हरि बाबा जीवन महाराज के प्रधान पार्षद हैं | इतना संचार और श्री हरि बाबा जी महाराज के भावों को व्यक्त करने की इतनी क्षमता श्री महाराज जी के समस्त भक्त पर कर में मैं संभवत और किसी में भी नहीं है| आदरणीय लालता प्रसाद जी ने जो कुछ लिखा है वह बहुत ही सजीव है उसमें श्री महाराजजी की बोलचाल स्वभाव और रहन सहन की छाया स्पष्ट दिखाई देती है| यह जीवन चरित्र वास्तविकता में श्री महाराज जी के जीवन का शब्द में चित्र ही है | मेंश्री महाराज जी के भावुक भक्तों के लिए या आनंद का सागर है और मनुष्य मात्र के लिए कल्याण मई गंगा |
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