भाव पुष्प श्री हरि
" श्रीहरि "

दिल ही दिल में “नाम” की
बरसात हो जायगी।
अन्तरमन से देखो
“हरि ” से बात हो जायगी।
शिकवा ना करना
“गुरु “से मिलने का…..
बस आंखे बंद करना
“मेरे हरि जी ” से
मुलाकात हो जायगी।

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