भाव पुष्प • श्री हरि आंख में नमी है.., " श्रीहरि " ओस की बूंदे है, आंख में नमी है.., ना ऊपर आसमां है ना नीचे जमीन है.. ये कैसा मोड है जिन्दगी का… हरि जी , एक आप ही मेरे खास हो और अापकी ही कमी हैं…!! Add Comment Click here to post a comment Cancel replyCommentName * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. श्री हरिश्री हरिबाबा बांध धाम श्री हरिश्री हरिबाबा चित्रपट श्री हरिश्री हरि चलचित्र श्री हरिश्री वचनामृत श्री हरिश्री हरि वंदना श्री हरिसंकीर्तन
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