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वचनामृत श्री हरि श्री हरिबाबा जी के वचनामृत

(((((  शब्द ही ब्रह्म हैं  )))))

(((((  शब्द ही ब्रह्म हैं  ))))) एक बार स्वामी विवेकानंद एक सत्संग में भगवान् के नाम का महत्त्व बता रहे थे | तभी एक व्यक्ति ने कहा “शब्दों में क्या...

वचनामृत श्री हरि श्री हरिबाबा जी के वचनामृत

ईश्वर और सतगुरू पर यकीन रखते है

ईश्वर और सतगुरू पर यकीन रखते है,उनका बाल भी बाका नही होता है, एक राजा बहुत दिनो से पुत्र की प्राप्ती के लिये आशा लगाये बैठा था,पर पुत्र नही हुआ ।उसके...

भाव पुष्प श्री हरि

रूप कहे मै………

रूप कहे मै सब से बड़ा दुनिया मेरी शोभा करदी पैसा कहे मै सब से बड़ा दुनिया मेरा पानी भरदी अक़्ल कहे मै सब से बड़ी जा कर बीच अदालत लडदी तक़दीर कहे तुम...

भाव पुष्प श्री हरि

इतनी   मेहरबानी

इतनी   मेहरबानी मेरे   हरि   बनाये   रखना, जो   रास्ता   सही   हो उसी   पर   चलाये   रखना। ना   दुखे   दिल   किसी   का   मेरे   शब्दो   से, इतना  ...

भाव पुष्प श्री हरि

मै तेरे साथ हूँ

आप जिसे चाहो अपना अंदाज़ दे देना, हक़ इतना सा मुझे आज दे देना नज़रें दुनियां की जब हमें छोड़ दें तन्हा बस उस मोड़ पर मुझे ” मै तेरे साथ हूँ...

उपदेश