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भक्त परिकर श्री हरि

श्रीहरेकृष्णजी

ब्रह्मचारी श्रीहरेकृष्णजी श्रीहरेकृष्णजी-ऊपरकहा गयी है कि नर्सिंग होम में श्रीहरेहृश्णजी आपकी सेवा में रहते थे। ब्रह्मचारी रामस्वरूपजी होषियारपुर में...

श्री उडिया बाबा जी के वचनामृत

किसी भी पदार्थ में ममत्व बुद्धि न रख कर सब को ईश्वर की समझते हुये सब की रक्षा करो और संभाल कर रखो, इससे उसके बियोग में दुख नहीं होगा

श्री उडिया बाबा जी के वचनामृत

जन्म जन्मान्तर से हमारा विषयों में अनुराग है, इसी लिये भगवान में अनुराग नहीं होता है/ भगवान में पूर्ण अनुराग होते ही संसार से छुटकारा हो जाता है/...

श्री उडिया बाबा जी के वचनामृत

परमार्थ साधक को तीन बातें अति अनिवार्य हैं ,
अ- दुनियाँ का चिन्तन ना करे/
ब-  दुनियाँ की बात ना करे/
स- दुनियाँ की क्रिया ना करे/

उपदेश