भोगी पुरुषोम का संग महात्मा के मन को खराब कर देता है, अत: ऎस्व लोगों से दूर ही र्हना चाहिए
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साधक को स्त्रियों से एक दम दूर रहना चाहिये
साधु को भूख लगने पर रोटी माँग लेनी चाहिये,मधूकरी वृत्तिसे रोटी मांगना तो गृहस्ती को कृतार्थ करना होता है
साधु को मधूकरी के अलावा कुछ भी मांगने से शरीर में रहने वाले पाँच देवता छोड़ कर चले जाते हैं, ये पाँच देवता ह्री, श्री, धी, ज्ञानऔर गौरव होते हैं
साधु को भिक्षा माँग कर ही अपना निर्बाह करना चाहिये, किसी एक स्थान पर बँध जाने सेाधुता नष्ट हो जाती है , धनिकों के अन्न में अनेक प्रकार के दोष होते...
भगवत्प्रेम के बिना बैरागय नहीं होताऔर सांसारिक बैराग्य के बिना भगबान से प्रेम भी नहीं होता है
प्रश्न : आपत्ति को दूर करने का क्या उपाय है ? माँ : गुरु का उपदेश सुनो, इससे जो नष्ट होनेवाला है उसका नाश हो जायेगा और जो नष्ट होनेवाला नहीं है वह...
श्री मां आनंदमयी काशी के आश्रम में सत्संग कर रही थीं। बंगाल के एक शिष्य उनके पास पहुंचे। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ‘मां, मैं वर्षों से प्रतिदिन...