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श्री उडिया बाबा जी के वचनामृत

साधु को मधूकरी के अलावा कुछ भी मांगने से शरीर में रहने वाले पाँच देवता छोड़ कर चले जाते हैं, ये पाँच देवता ह्री, श्री, धी, ज्ञानऔर गौरव होते हैं

श्री उडिया बाबा जी के वचनामृत

साधु को भिक्षा माँग कर  ही अपना निर्बाह करना चाहिये, किसी एक स्थान पर बँध जाने सेाधुता नष्ट हो जाती है , धनिकों के अन्न में अनेक प्रकार के दोष होते...

वचनामृत श्री आनंदमई माँ जी के वचनामृत श्री हरि

माँ आनंदमयी के साथ प्रश्नोत्तर

प्रश्न : आपत्ति को दूर करने का क्या उपाय है ? माँ : गुरु का उपदेश सुनो, इससे जो नष्ट होनेवाला है उसका नाश हो जायेगा और जो नष्ट होनेवाला नहीं है वह...

वचनामृत श्री आनंदमई माँ जी के वचनामृत श्री हरि

मां के उपदेश ने जिज्ञासु की समस्या का समाधान कर दिया।

श्री मां आनंदमयी काशी के आश्रम में सत्संग कर रही थीं। बंगाल के एक शिष्य उनके पास पहुंचे। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ‘मां, मैं वर्षों से प्रतिदिन...

उपदेश