" श्रीहरि "निरन्तर दृढ़ विश्वास रखना चाहिय कि भगवान मेरे है और मै भगवान का हूँ । वे सदा ही मेरे हैं और अत्यन्त प्रिय हैं । उनके समान दूसरा प्यारा और प्यार करने...
श्री हरिबाबा जी के वचनामृत
" श्रीहरि "सदा सुखी कौन है ?
जिसको भगवान की कृपा पर भरोसा है
और उनके न्याय पर विश्वास है,
उसको संसार की कोई भी स्थिति विचलित नही कर सकती
" श्रीहरि "ईश्वर और सतगुरू
पर यकीन रखते है,
उनका बाल भी बाका नही होता है
" श्रीहरि "जिस प्रकार आकाश से गिरा हुआ जल किसी न किसी रास्ते से होकर समुद्र में पहुँच ही जाता है उसी प्रकार निःस्वार्थ भाव से की...
" श्रीहरि "“सेवा और प्रार्थना” जिस प्रकार आकाश से गिरा हुआ जल किसी न किसी रास्ते से होकर समुद्र में पहुँच ही जाता है...
" श्रीहरि "((((( शब्द ही ब्रह्म हैं ))))) एक बार स्वामी विवेकानंद एक सत्संग में भगवान् के नाम का महत्त्व बता रहे थे | तभी एक व्यक्ति ने कहा “शब्दों...
" श्रीहरि "ईश्वर और सतगुरू पर यकीन रखते है,उनका बाल भी बाका नही होता है, एक राजा बहुत दिनो से पुत्र की प्राप्ती के लिये आशा लगाये बैठा था,पर पुत्र...
" श्रीहरि "भक्ति आग की तरह है सुमिरन घी की तरह
यदी तुम चाहते हो की .भक्ति की आँच धीमी
ना पड़े तो सांस सांस मे सुमिरन का घी डालते रहो |
" श्रीहरि "
" श्रीहरि "
" श्रीहरि "
" श्रीहरि "जिंदगी में हार तब नहीं होती जब आप हारते है, हार तो तब होती है जब आप हार मान लेते है ।
मन के हारे हार , मन के जीते जीत