वचनामृत

वचनामृत श्री आनंदमई माँ जी के वचनामृत श्री हरि

माँ आनंदमयी के साथ प्रश्नोत्तर

" श्रीहरि "माँ आनंदमयी के साथ प्रश्नोत्तर प्रश्न : आपत्ति को दूर करने का क्या उपाय है ? माँ : गुरु का उपदेश सुनो, इससे जो नष्ट होनेवाला है उसका नाश हो जायेगा...

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वचनामृत श्री हरि श्री हरिबाबा जी के वचनामृत

विश्वास रखना चाहिय……..

" श्रीहरि "निरन्तर दृढ़ विश्वास रखना चाहिय कि भगवान मेरे है और मै भगवान का हूँ । वे सदा ही मेरे हैं और अत्यन्त प्रिय हैं । उनके समान दूसरा प्यारा और...

वचनामृत श्री आनंदमई माँ जी के वचनामृत श्री हरि

माँ आनंदमयी के साथ प्रश्नोत्तर

" श्रीहरि "प्रश्न : आपत्ति को दूर करने का क्या उपाय है ? माँ : गुरु का उपदेश सुनो, इससे जो नष्ट होनेवाला है उसका नाश हो जायेगा और जो नष्ट होनेवाला...

वचनामृत श्री आनंदमई माँ जी के वचनामृत श्री हरि

मां के उपदेश ने जिज्ञासु की समस्या का समाधान कर दिया।

" श्रीहरि "श्री मां आनंदमयी काशी के आश्रम में सत्संग कर रही थीं। बंगाल के एक शिष्य उनके पास पहुंचे। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ‘मां, मैं वर्षों से...

वचनामृत श्री हरिबाबा जी के वचनामृत

सेवा और प्रार्थना

" श्रीहरि "जिस प्रकार    आकाश से गिरा हुआ जल             किसी न किसी रास्ते से       होकर समुद्र में पहुँच ही जाता है उसी प्रकार निःस्वार्थ भाव से की...

वचनामृत श्री हरि श्री हरिबाबा जी के वचनामृत

(((((  शब्द ही ब्रह्म हैं  )))))

" श्रीहरि "(((((  शब्द ही ब्रह्म हैं  ))))) एक बार स्वामी विवेकानंद एक सत्संग में भगवान् के नाम का महत्त्व बता रहे थे | तभी एक व्यक्ति ने कहा “शब्दों...

वचनामृत श्री हरि श्री हरिबाबा जी के वचनामृत

ईश्वर और सतगुरू पर यकीन रखते है

" श्रीहरि "ईश्वर और सतगुरू पर यकीन रखते है,उनका बाल भी बाका नही होता है, एक राजा बहुत दिनो से पुत्र की प्राप्ती के लिये आशा लगाये बैठा था,पर पुत्र...

वचनामृत श्री हरि श्री हरिबाबा जी के वचनामृत

भक्ति की आँच धीमी ना पड़े……

" श्रीहरि "भक्ति आग की तरह है सुमिरन घी की तरह
यदी तुम चाहते हो की .भक्ति की आँच धीमी
ना पड़े तो सांस सांस मे सुमिरन का घी डालते रहो |

वचनामृत श्री हरि श्री हरिबाबा जी के वचनामृत

मन के हारे हार , मन के जीते जीत

" श्रीहरि "जिंदगी में हार तब नहीं होती जब आप हारते है, हार तो तब होती है जब आप हार मान लेते है ।
मन के हारे हार , मन के जीते जीत

उपदेश