भक्त परिकर भाव पुष्प श्री हरि

गुरु वंदना

" श्रीहरि "

गुरुः ब्रह्मा : गुरु ही ब्रह्मा हैं ।

गुरुः विष्णु : गुरु ही विष्णु हैं ।

गुरुः देवो महेश्वरः : गुरु ही महेश्वर यानि शिव हैं ।

गुरु साक्षात परब्रह्म : परब्रह्म, जोकि श्रिष्टि रचयिता हैं और सभी देवो में श्रेष्ठ हैं, गुरु उनके समान हैं ।

तस्मै श्री गुरुवे नमः : हम उन गुरु को हमारा नमन है ।

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