भाव पुष्प श्री हरि

जैसा तैसा हूँ प्रभु

" श्रीहरि "

अवगुण मुझ में बहुत हैं ,

 दोष अनन्त अपार.               

जैसा तैसा हूँ प्रभु ,

करलो मुझको अपने चरणों मै स्वीकार”.

Add Comment

Click here to post a comment