भाव पुष्प श्री हरि

मेरे हरि आएँगे जरुर

" श्रीहरि "

चाह अगर उनकी मुस्कान की होगी

तो मेरे ” हरि जी” मुस्कुराएँगे जरुर

प्यार अगर दिल से करोगे

तो मेरे “हरि जी” निभाएँगे जरुर

कितने भी काँटे क्यूँ न हो राहों में

आवाज अगर दिल से दोगे तो मेरे

“हरि जी” आएँगे जरुर !

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