भाव पुष्प श्री हरि

मेरे हरि

" श्रीहरि "

मेरे हरि..
आप की आँखो में क्या खूब नूर होता है,
आप की नजरों से कहां कोई दूर होता है..
एकबार रख दे कदम जो आप की चौखट पर,
वो बार-बार आने को मजबुर होता है..

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