आज के सुविचार भाव पुष्प

महर इतनी करना…

" श्रीहरि "

एक इल्तज़ा है मेरी …!!!
मेरे ….मेरे हरि….!!
अमृत वेले उठा देना …..!
चित ना भटके मेरा ……!
सिमरन में मुझे बैठा देना …!
काल के बहकावे ना आऊँ…..!
चरणो में मन को लगा देना …..!
भटके ना मन मेरा मुझ पर रहम दिखा देना …!
ध्यान को अंतरमन एकत्रित कर
अपने दिव्य दर्शन दिखा देना …!!!
हे दीन दयाला….कृपा करो….दया करो …!!!

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