भाव पुष्प श्री हरि

तेरे बिन अब जिंदगी का गुजारा….नहीं

" श्रीहरि "

सुनो ना मेरे हरि….रिश्ता तेरा और मेरा है बहुत ही प्यारा,
मैं हूँ जग से हारा और तू हारे का सहारा।
न छोड़ना कभी हमें तुम क्योंकि,
नहीं है तेरे बिन अब जिंदगी का गुजारा।….

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