वचनामृत श्री हरि श्री हरिबाबा जी के वचनामृत

विश्वास रखना चाहिय……..

" श्रीहरि "

निरन्तर दृढ़ विश्वास रखना चाहिय

कि भगवान मेरे है और मै भगवान का हूँ ।

वे सदा ही मेरे हैं और अत्यन्त प्रिय हैं ।

उनके समान दूसरा प्यारा और प्यार करने वाला नहीं है।

Add Comment

Click here to post a comment