कभी कुछ पा लिया तो रोती हूँ…
कुछ नहीं पाया तो रोती हूँ…..
बस हर आँसू से तेरे चरणों को धोती हूँ….
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उस समय वहा उपस्थित डाक्टर …… के अपने शब्दो मे….. मा के आग्रह पर बाबा का वापस आना…. एक बार श्री महाराज बहुत बीमार पड़ गये।...
जै श्री हरि:- जो भी हमने माँगा हरी ने दिया है हम सब ग़रीबों पे करम ये किया है : जो भी हमने तेरी हँसी पे बलिहारी जाऊँ दिल में उतार कर नैनों मे बसाऊँ...
15″भक्त वर हुलासी”- पूज्यपाद श्री हरि बाबा जी महाराज भक्ति पर करके रत्न भक्त वर हुलासी ग्राम वरोरा के रहने वाले थे वह जाति के नाई थे।...
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कभी तुमसे विलग न हो चित्त मेरा _
मैं तुमसे करूँ गुहार
दे चरणों की भक्ति सतगुरू,
तुम करो मुझपर उपकार
नदी जब निकलती है, कोई नक्शा पास नहीं होता कि “सागर” कहां है बिना नक्शे के सागर तक पहुंच जाती है। ऐसा नहीँ है कि नदी कुछ नहीँ करती है।...
गुरुः ब्रह्मा : गुरु ही ब्रह्मा हैं । गुरुः विष्णु : गुरु ही विष्णु हैं । गुरुः देवो महेश्वरः : गुरु ही महेश्वर यानि शिव हैं । गुरु साक्षात परब्रह्म...
पूज्यपाद श्रोहरि बाबा की दिनचर्या (ब्रह्मचारी श्रीहरेकृष्ण) प्रादः ब्रह्ममुहुत्र्त दो बजकर पन्द्रह मिनट घड़ी एलार्म। दातुन आदि से निवृत्त हो, कुछ नियत...
श्री हरि गुरु वन्दना श्री गुरुदेव तुम्हारी जय हो। कृपा दृश्टि कर दो प्रभु ऐसी , मेरा जीवन मंगलमय हो।। श्री गुरुदेव दृढ़ मति हो गुरु के वचनों में ...
ब्रह्मचारी श्रीरामस्वरूपजी का सेवा में आगमन श्री महाराज जी ने एक वर्ष तक भिरावटी में ही रहने का निश्चय किया। यहाॅं अन्य कार्यक्रमो के अतिरिक्त आप कई...