सदा सुखी कौन है ?
जिसको भगवान की कृपा पर भरोसा है
और उनके न्याय पर विश्वास है,
उसको संसार की कोई भी स्थिति विचलित नही कर सकती
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जिन नैनो में हरि बसे, दूजा कौन समाय,
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पलके गिरे या पलके उठे, मोहे नजर हरि ही आये..!!
|| श्री हरि || श्री हरि ||
एकोऽपि कृष्णस्य कृतः प्रणामो दशाश्वमेधावभृथेन तुल्यः । दशाश्वमेधी पुनरेति जन्म कृष्णप्रणामी न पुनर्भवाय ॥ भावार्थ ~ श्रीकृष्ण को किया एक प्रणाम, दश...
16- श्री चरणों में (परम आदरणीय गुरुजी लालता प्रसाद कृत) यहां तक जो भी लिखा गया है वह सब सुना हुआ है अब आगे प्रायः देखी हुई बातें ही लिखी जाएंगे श्री...
दिल ही दिल में “नाम” की बरसात हो जायगी। अन्तरमन से देखो “हरि ” से बात हो जायगी। शिकवा ना करना “गुरु “से मिलने...
तुम्हें पाकर अब हरि तुम्हें खोना नहीं चाहतें दूर होकर आपसे अब हम हरि जी रोना नहीं चाहते साथ रहना सदा आप कभी दूर ना जाना अब हम फिर से इस दुनिया की...
पं दिनेश चन्द्र शास्त्री जी के श्री मुख से —— (कथा का अंश)—— गोपियाँ श्री कृष्ण से पूछती हैं कि कान्हा बताओ तुम जिस पर कृपा...
श्री राधे—- हे किशोरी वृषभानु लली,,अब मोपे कृपा करो— नजरों मे रखकर हमें,,अब यूं ना छिपा करो— मिलता रहे ब्रजवास सदा,,इंतजाम एसा...
गुरु चरणों में प्रेम वन्दना नख शिख बारम्बार…. नख शिख बारम्बार….नख शिख बारम्बार…. भक्ति दान मोहे दीजिये हो जीवन का उद्धार।। हो जीवन...
हरि जी ! हरि जी ! हरि जी ! तुम अवगुण बख्शनहारे !!……. हरि जी ! हरि जी ! हरि जी! तुम अवगुण बख्शनहारे !! जितनी सागर में हैं लहरें ...