ईश्वर और सतगुरू
पर यकीन रखते है,
उनका बाल भी बाका नही होता है
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अवगुण मुझ में बहुत हैं ,
दोष अनन्त अपार.
जैसा तैसा हूँ प्रभु ,
करलो मुझको अपने चरणों मै स्वीकार”.
जिस प्रकार आकाश से गिरा हुआ जल किसी न किसी रास्ते से होकर समुद्र में पहुँच ही जाता है उसी प्रकार निःस्वार्थ भाव से की गई ...
जो भक्तों की धुन पहचान लेते है। ये घट घट वासी है , बात मन की जान लेते है! प्रेम जो करे इनसे उसे ये बहुत मान देते है। किसी भी रूप...
आने वाले समय मे मेरी एक बात मान लेना. तेरे दर पर आकर कही ना जाऊँ कुछ इस तरहा मुझे अपनी चौखट से बांध लेना..!! माना मेरे कर्म इतने अच्छे नही गुनाहगार...
भक्ति दान मोहे दिजीये
गुरु देवन के देव
और नहीं कछु चाहिए
निशिदिन तुम्हरी सेवा
श्री गुरू चरण सरोज में
राखू अपना शीश
चाहू तुमसे मै सदा
प्रेम भक्ति बख्शीश
चाह अगर उनकी मुस्कान की होगी तो मेरे ” हरि जी” मुस्कुराएँगे जरुर प्यार अगर दिल से करोगे तो मेरे “हरि जी” निभाएँगे जरुर कितने...
shri hati
shri hari