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भक्त भाव पुष्प

विद्या का दान……

 अन्नदानं परं दानं विद्यादानमतः परम्।  अन्नेन क्षणिका तृप्तिः यावज्जीवं च विद्यया॥  भावार्थ – अन्न का दान परम् दान है और विद्या का दान भी परम्...

भक्त भाव पुष्प श्री हरि

मेरे हरि की,,,,यूंही दुनिया दीवानी नही होती…” 

आंसू पोंछ कर मेरे हरि ने हँसाया है मुझे मेरी हर गलती पर भी मेरे  हरि ने हृदय से गाया है मुझे विश्वास क्यों न हो मुझे अपने हरि पर । मेरे हरि ने हर हाल...

भाव पुष्प श्री हरि

सांवरिया,,,,,,,

सांवरिया,,,,,,, फूल बनकर तेरे चरणो मे रहने की तमन्ना है काजल बनकर तेरे नैनों मे समाने की तमन्ना है सब चीज हासिल है ज़माने की मुझे बस अब तुझसे रूबरू...

वचनामृत श्री हरि श्री हरिबाबा जी के वचनामृत

विश्वास रखना चाहिय……..

निरन्तर दृढ़ विश्वास रखना चाहिय कि भगवान मेरे है और मै भगवान का हूँ । वे सदा ही मेरे हैं और अत्यन्त प्रिय हैं । उनके समान दूसरा प्यारा और प्यार करने...

भाव पुष्प श्री हरि

मेरे हरि

मेरे हरि.. आप की आँखो में क्या खूब नूर होता है, आप की नजरों से कहां कोई दूर होता है.. एकबार रख दे कदम जो आप की चौखट पर, वो बार-बार आने को मजबुर होता...

भाव पुष्प श्री हरि

हरि नाम …………

हरि नाम अमृत की धारा हरि नाम में शक्ति प्रबल
तक्दीरो का ये लेख पलट दे बस हो जब विश्वास अटल
       || जय श्री हरि || जय श्री हरि ||

उपदेश