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अन्नदानं परं दानं विद्यादानमतः परम्। अन्नेन क्षणिका तृप्तिः यावज्जीवं च विद्यया॥ भावार्थ – अन्न का दान परम् दान है और विद्या का दान भी परम्...
Զเधे👣Զเधे !! हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे !! हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे !! मन ही मन को जानता, मन की मन से प्रीत.. मन ही मनमानी...
आंसू पोंछ कर मेरे हरि ने हँसाया है मुझे मेरी हर गलती पर भी मेरे हरि ने हृदय से गाया है मुझे विश्वास क्यों न हो मुझे अपने हरि पर । मेरे हरि ने हर हाल...
सांवरिया,,,,,,, फूल बनकर तेरे चरणो मे रहने की तमन्ना है काजल बनकर तेरे नैनों मे समाने की तमन्ना है सब चीज हासिल है ज़माने की मुझे बस अब तुझसे रूबरू...
निरन्तर दृढ़ विश्वास रखना चाहिय कि भगवान मेरे है और मै भगवान का हूँ । वे सदा ही मेरे हैं और अत्यन्त प्रिय हैं । उनके समान दूसरा प्यारा और प्यार करने...
मेरे हरि.. आप की आँखो में क्या खूब नूर होता है, आप की नजरों से कहां कोई दूर होता है.. एकबार रख दे कदम जो आप की चौखट पर, वो बार-बार आने को मजबुर होता...
हरि नाम अमृत की धारा हरि नाम में शक्ति प्रबल
तक्दीरो का ये लेख पलट दे बस हो जब विश्वास अटल
|| जय श्री हरि || जय श्री हरि ||
मानुष देह मिली सुमिरन को,
ना भटको मोह और माया में।
सुमिरन से तो हरि मिलें,
सुख मिले हरि की छाया में।
रहमत तेरी जे लिखन लग जांवां,
ते लग जान साल हजार..
मेरी कलम छोटी है “हरि” तेरी महिमा अपरम्पार..
मैं सेवक हां तेरे दर दा तूं दाता पालन हार