" श्रीहरि " गुरूदेव के श्रीचरणों में श्रद्धा सुमन संग वंदन जिनके कृपा नीर से जीवन हुआ चंदन धरती कहती, अंबर कहते कहती यही तराना गुरू आप ही वो पावन नूर...
भाव पुष्प
" श्रीहरि "मेरे “हरि जी” तेरी रहमत की भीख मांगते हैं हम मेहरबान कोई न तुझ सा है यह भी जानते हैं हम एक बस तू ही सुनने वाला है फ़रियाद टूटे...
" श्रीहरि " ओस की बूंदे है, आंख में नमी है.., ना ऊपर आसमां है ना नीचे जमीन है.. ये कैसा मोड है जिन्दगी का… हरि जी , एक आप ही मेरे खास हो और...
" श्रीहरि " तेरी रहमतो के सहारे मैं पलता हूँ… तेरा ही नाम ले आगे बढ़ता हूँ तू मुझसे नजर न फेरना कभी इक तू ही हैं जिसके सहारे में चलता हूँ. ये...
" श्रीहरि " हरि जी कही भी इतना आनंद नही, जितना तेरे ध्यान मे है, और इतना सुख कही नही, जितना तेरे नाम मे है, घूम ली सारी दुनिया, पर एक तू ही सच्चा...
" श्रीहरि "मैं चलता गया और रास्ते मुझे मिलते गये राह के काँटे भी फूल बनकर खिलते गये ये जादू नहीं रहमत है मेरे हरि जी की वरना उसी राह पे लाखों लोग...
" श्रीहरि "ना करम से मिला
न अधिकार से मिला
न झूठे संसार से मिला
जो भी मुझे मिला
वो मेरे श्री हरि के दरबार से मिला
श्री हरि श्री हरि
" श्रीहरि "एक इल्तज़ा है मेरी …!!! मेरे ….मेरे हरि….!! अमृत वेले उठा देना …..! चित ना भटके मेरा ……! सिमरन में...
" श्रीहरि "गुरुः ब्रह्मा : गुरु ही ब्रह्मा हैं । गुरुः विष्णु : गुरु ही विष्णु हैं । गुरुः देवो महेश्वरः : गुरु ही महेश्वर यानि शिव हैं । गुरु...
" श्रीहरि " श्री हरि गुरु वन्दना श्री गुरुदेव तुम्हारी जय हो। कृपा दृश्टि कर दो प्रभु ऐसी , मेरा जीवन मंगलमय हो।। श्री गुरुदेव दृढ़ मति हो गुरु के...
" श्रीहरि "अवगुण मुझ में बहुत हैं ,
दोष अनन्त अपार.
जैसा तैसा हूँ प्रभु ,
करलो मुझको अपने चरणों मै स्वीकार”.
" श्रीहरि " जो भक्तों की धुन पहचान लेते है। ये घट घट वासी है , बात मन की जान लेते है! प्रेम जो करे इनसे उसे ये बहुत मान देते है। ...
" श्रीहरि "आने वाले समय मे मेरी एक बात मान लेना. तेरे दर पर आकर कही ना जाऊँ कुछ इस तरहा मुझे अपनी चौखट से बांध लेना..!! माना मेरे कर्म इतने अच्छे नही...
" श्रीहरि "भक्ति दान मोहे दिजीये
गुरु देवन के देव
और नहीं कछु चाहिए
निशिदिन तुम्हरी सेवा
" श्रीहरि "श्री गुरू चरण सरोज में
राखू अपना शीश
चाहू तुमसे मै सदा
प्रेम भक्ति बख्शीश